क्या खूब चर्चा है पत्रकार का शहर में , कलम से डरना तो दूर भ्र्ष्टाचार की पुलिन्दा बांध रहे RTO में बैठे RI संजय सिंह

उत्तर प्रदेश महाराजगंज जिले के आरटीओ कार्यालय को अगर भ्रष्टाचार विभाग का स्वर्ण पदक दिया जाए तो कोई गलत कार्य नहीं होगा। क्योंकि विभाग में भ्रष्टाचार आकंठ मे डूबा है और कर्मचारी अधिकारी के नाम पर दलाली वसूली जा रही है आलम तो यह है कि सरकारी कुर्सी पर अफसरों के चहेते बैठते हैं जिन्हें अफसरों ने विभाग में आने वाले अभ्यर्थियों को लूटने के लिए बैठा रखा है विभाग में चाहे अभ्यर्थी लाइसेंस बनवाने हो या उन लाइसेंस को परमानेंट कराने हो या वाहनों का स्थानांतरण करवाना हो सबकी सरकारी फीस के साथ-साथ निजी फीस भी ली जाती है और आश्चर्यजनक रूप से जब इसकी शिकायत आला अधिकारियों से की जाती है तो वह भी विभाग के नियम कानून बताने से नहीं चूकते हैं । अब तो हाल यह हो गया है कि अभ्यर्थी लाइसेंस बनवाने के लिए होने वाले ऑनलाइन टेस्ट में भी विभाग के कर्मचारी और उनके सहयोगी दलाल मनमानी फीस वसूल रहे हैं और मजेदार बात यह है कि इस फीस में अभ्यर्थी को सरकारी फीस की रसीद ही दे रहे हैं । ऐसा ही कुछ विभाग में आए दिन देखने को मिलता है एक तरफ सरकार कहती है कि भ्रष्टाचारियों की जगह जेल में होगी परंतु इस विभाग में अधिकारी और कर्मचारी अपने एसी कार्यालय में बैठकर जनता का धन वसूल कर अपनी जेबें भर रहे हैं और शिकायत का कहीं भी निदान नहीं हो रहा है । यह हाल तब है जब महाराजगंज जनपद को मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर से सटा हुआ जिला बताया जाता है लोगों का तो अब यहां तक कहना है कि जब प्रदेश के मुखिया का जिला कहने वाला महाराजगंज जनपद का आरटीओ कार्यालय लूट खसोट में जुटा हुआ है तो किस तरह सरकार भ्रष्टाचार समाज की बात कह सकती है यहां यह भी बताते चलें कि विभागीय फार्म तक वहां की दुकानों में बिकते हुए पाए जाते हैं और कार्यालय में फार्म समाप्त हो जाते हैं नतीजा अभ्यर्थियों को दुकानों से ही फार्म लेने पड़ते हैं। इन सबके बीच यदि कोई अभ्यर्थी इसकी शिकायत विभाग के अधिकारी से करता है तो समझिए कि उसका समस्त कागजात ब्लैक लिस्टेड हो जाता है जिसे जब तक अवस्थी अपनी शिकायत वापस नहीं लेता तब तक विभाग का कोई भी कर्मचारी उस पर अपनी कलम तक नहीं चलाता है विभागीय कार्यालय में अभ्यर्थी लाइसेंस फीस जहां असंवैधानिक तरीके से 3 से ₹4000 तक वसूल की जाती है वही फिटनेस ट्रांसफर तक की फीस निश्चित सरकारी शुल्क से 4 गुना ज्यादा होती है इसीलिए कहा गया है कि यदि आरटीओ कार्यालय महाराजगंज को भ्रष्टाचार का स्वर्ण पदक दिया जाए तो कोई आश्चर्यजनक बात नहीं होगी क्योंकि जिस विभाग में अधिकारियों की कुर्सी पर दलाल बैठते हैं और सरकारी कार्यों को करने के लिए गए सरकारी फीस खुले तौर पर वसूली जाती हो सीधे अधिकारियों से मिलने और कार्य करवाने के लिए लोगों को दलालों का सहारा लेना पड़ता हो और यह सब कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में होता हो तो फिर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस विभाग का हाल क्या होगा अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप यदि भ्रष्टाचार मुक्त समाज जनता को देना है तो इस आरटीओ विभाग की करतूतों को भी सरकार संज्ञान में ले क्योंकि विभाग का आला अधिकारी खुद इस भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को अपना संरक्षक देता हुआ दिखाई देता है वरना कि क्या कारण है कि विभाग में बाहर के आदमी अधिकारियों और बाबुओं की कुर्सी पर आकर बैठते हैं फाइलों में अपनी कलम चलाते हैं और अपना सुविधा शुल्क तय कर अभ्यर्थियों के साथ उनका आर्थिक शोषण करते हैं और इन सब की जानकारी विभाग के आला अधिकारी को ना हो।जब इस मामले की जानकारी डाक टाइम्स न्यूज के ब्यूरो महराजगंज भानु प्रताप तिवारी को पता चला तो उनके टीम के द्वारा विगत 5 दिन पूर्व ही RTO की सत्यता को उजागर करने का संकल्प ले लिया और इस दौरान जब उनके 5 दिन के स्टिंग ऑपरेशन के दौरान उन सभी साक्ष्यों के आधार पर RTO में नियुक्त सम्भागीय परिवहन अधिकारी से बात करने पहुंचे तो उस समय वहां नियुक्त RI साहब के द्वारा एक पत्रकार से बदसलूकी की गई औऱ ये भी कहा गया है कि अगर ये RTO के कहि अगल बगल दिखाई दे तो इसके ऊपर फर्जी मुकदमें कर इसे तत्काल प्रभाव से पुलिस के हवाले कर दिया जाए ।
क्या खूब चर्चा है पत्रकार का शहर में कलम से डरना तो दूर भ्र्ष्टाचार की पुलिन्दा बांध रहे RTO में बैठे RI संजय सिंह आप को बताते चलें कि एक बात की हैरानी होगी कि जहाँ पत्रकार को फर्जी मुकदमों में फसाने की बात कर रहे है RTO के RI साहब वहीं एक वीडियो में RI साहब को दलाल कहते नजर आ रहा है एक युवक बड़ी शर्म की बात है योगी आदित्यनाथ जी के गृह जनपद से सटे महराजगंज जनपद में मुख्यमंत्री के सबसे प्रिय जिलाधिकारी उज्ज्वल कुमार के रहते हुए भी नहीं बन्द हो रहा है RTO की अवैध धनउगाही।सीधे शब्दों में कहा जाए तो जनता के जेब लूट रही है उत्तर प्रदेश का ये महराजगंज RTO विभाग।इस मामले में से जुड़ी दर्जनों साक्ष्य चैनल के पास मौजूद अब देखते है क्या DM साहब के द्वारा इन भृष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होती है या नहीं।


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